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Tuesday, 18 June 2013

बदलता भारत

बदलता भारत
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धर्म निरपेक्षता शब्द का अर्थ हमारे नेताओं को इतना ही पता है कि जो और जब उन्हे सुविधाजनक लगे वही धर्मनिरपेक्ष है । कश्मीर में इसका अर्थ बाकी देश से कुछ जुदा है । वहाँ अल्प संख्यकों में सिख , ईसाई , जैन , सनातनी आते हैं परन्तु उनको क्या अल्पसंख्यकों वाली सुविधायें वहाँ प्राप्त हैं?
असल में कोई भी राजनीति धर्म सापेक्षता की होनी ही नहीं चाहिये । धर्म के आधार पर न तो किसी का विरोध और न तो किसी का समर्थन -- यह सिद्धान्त होना चाहिये । लेकिन वोटों के लिये जाति , धर्म के जितने दुरुपयोग किये जा रहे हैं उतने शायद अन्य के नहीं । यह दुख:द है कि फिर अगर देश का क्षरण हुआ तो उसकी जड़ में ये दोनों ही होंगे ।
आइये चेतें , लोकतंत्र को , देश को जिन्दा रखने के लिये घटिया नेतागीरी और सिद्धान्तहीन स्वार्थों से बाज आयें ।राष्ट्र को क्षरण से बचायें ।
India Changes ( बदलता भारत )


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Sunday, 9 June 2013

आत्म कथ्य

आत्म कथ्य
-----------------------------राज कुमार सचान होरी -राष्ट्रीय संयोजक बदलता भारत(India Changes)
भय कहाँ मुझको कभी , असिधार में चलता हूं मैं ,
तुम किनारों से चलो ,मझधार में चलता हूं मैं ।
माँ शारदे ने है दिया अधिकार मुझको लेखनी का ,
"होरी" बना ,नित दर्द के संसार में चलता हूं मैं ।।



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Saturday, 8 June 2013

जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम की माँग पर कैंडिल मार्च में ग़ाज़ियाबाद में अड़ंगा

जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम की माँग पर कैंडिल मार्च में ग़ाज़ियाबाद में अड़ंगा
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
ग़ाज़ियाबाद ज़िला प्रशासन ने 8 जून को ,कैंडिल मार्च की अनुमति नहीं दी । 144 धारा लागू । राष्ट्र हित में "बदलता भारत "द्वारा संसद से जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम बनाने के लिये जगह जगह कैंडिल मार्च के आयोजन किये जा रहे है , परन्तु ग़ाज़ियाबाद में अत्यन्त क्षुब्ध करने का क़दम प्रशासन ने उठाया और हज़ारों कार्यकर्ताओं , पदाधिकारियों , संभ्रांत नागरिकों को ठेस पहुचाते हुये पता नहीं क्या सोच कर अनुमति नहीं दी । कैंडिल मार्च का नेत्रत्व स्वयं राष्ट्रीय संयोजक श्री राज कुमार सचान होरी कर रहे थे जो स्वयं भी ग़ाज़ियाबाद में अपर ज़िला मजिस्ट्रेट सहित महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं । एक आपात बैठक आहूत कर प्रशासन को चेतावनी देते हुये आज का शान्तिपूर्ण मार्च दुखी मन से स्थगित किया गया । शीघ्र ही पुनः बड़े पैमाने पर मार्च का आयोजन किया जायेगा और अगर तब भी प्रशासन ने मार्च में बाधा पहुँचायी तो बदलता भारत शान्तिपूर्वक तरीके अपनाता हुआ कैंडिल मार्च करेगा और आवश्यक होने पर सारे पदाधिकारी, कार्यकर्ता ,अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ राष्ट्र हित में जेल भी जायेंगे ।
क़ानून की माँग के साथ साथ जनता में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने का कार्यक्रम संगठन चलाता है जिस पर रोक तानाशाही और गैरकानूनी है । बदलता भारत (India Changes) पूरे देश का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है और राष्ट्र हित में आप सबसे सहयोग की आशा भी करता है ।ग़ाज़ियाबाद के कार्यक्रम में श्री शीतला शंकर विजय मिश्र राष्ट्रीय प्रवक्ता , श्री गजय सिंह त्यागी प्रदेश उपाध्यक्ष , श्री एस पी गुप्ता सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी, श्री अशोक श्रीवास्तव, श्री सत्य प्रकाश शर्मा प्रवक्ता ,श्री कुलदीप राजपूत मीडिया प्रभारी , रोहित राज सचान एडवोकेट सहित हज़ारों लोग उपस्थित रहे ।


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Wednesday, 5 June 2013

कैंडिल मार्च क्यों ???

कैंडिल मार्च क्यों ???
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
भाइयों एवं बहनों,
देश में जनसंख्या विष्फोटक स्थिति पर पहुँच चुकी है जो आज देश की सारी प्रगति को दीमक की तरह चाट रही है ।इसी बढ़ती जनसंख्या के कारण आज शहरों में चलना दूभर है , चारों ओर जाम ही जाम । अगर हम अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब सारे शहर केवल भीड़भाड़ वाले मेलों में तब्दील हो जायेंगे और हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक मेलों की भाँति केवल पैदल ही पहुँच पायेंगे ।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये जागरूकता कार्यक्रम सरकारों द्वारा चलाये जाते रहे लेकिन आंकडे़ सामने हैं । कभी गंभीरता से चिन्तन करिये तो पायेंगे ,राष्ट्र के भविष्य के लिये यक्ष प्रश्न खड़ी करती है जनसंख्या । जिस देश की अधिसंख्य आबादी कुपोषण से ग्रस्त, अशिक्षित , बेरोजगार ,ग़रीब हो उस देश से आशा भी क्या की जा सकती है ?
हमारी जनसंख्या का घनत्व ग़रीबी के मध्य सर्वाधिक है । ग़रीबी और आबादी एक दूसरे के पूरक हैं , अन्योन्याश्रित हैं । देश की युवा फौज का 80% अंश ग़रीब परिवारों से है जो स्वयं साधन हीन है ,वे देश के विकास में कितनी भागीदारी निभायेंगे ? जनसंख्यावृद्धि धर्म , सम्प्रदाय , जाति से जोड़ कर देखना एक गंभीर भूल है , समस्या से मुँह मोड़ना है । ग़रीबों की स्थितियां ही ऐसी होती हैं कि उन्हीं के बीच जनसंख्या तेज़ी से फलती फूलती है ।
ग्रामीण क्षेत्रों की बढ़ती जनसंख्या पलायन कर शहरों में आ बसती है ।इनमें से अधिकांश स्लम या झुग्गी झोपड़ी में रहती है । नगर दिन पर दिन विष्फोटक स्थिति में पहुँच रहे हैं ।
एक बात यहाँ गंभीरता से समझनी होगी ----- नेताओं, राजनीतिक दलों और धनाड्यों को जनसंख्या बढ़ने से लाभ है -----एक को भारी संख्या में मतदाता मिलते हैं तो दूसरे को मिलते हैं उपभोक्ता और सस्ते श्रमिक । इसलिये राष्ट्र को अपूरणीय क्षति पहुँचाने वाली इस समस्या से हमें ही जूझना होगा । जागरूकता पैदा करने के साथ साथ हमें आन्दोलन चलाने होंगे ---- एक सक्षम क़ानून के लिये । हिन्दू , मुस्लिम , सिख ,ईसाई आदि सभी को कंधे से कंधा मिला कर । चीन का उदाहरण हमारे सामने है । ग़रीब के हित में और राष्ट्र के हित में इस देश को एक न एक दिन "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम "बनाना होगा और देश को अपूरणीय क्षति से बचाना होगा ।
हम कैंडिल मार्च से देश का ध्यान खींचना चाहते हैं और देश की संसद से माँग करते हैं कि शीघ्र ही इस आशय का बिल संसद में लाये और समुचित प्रावधानों के साथ उसे शीघ्र पारित करे ।आइये ,भारत बदलना चाहता है -- समय की माँग है -- बस हम खुले मन से साथ दें ।
बदलता भारत( INDIA CHANGES ) की अनेक माँगे हैं जिनके लिये हम संघर्षरत हैं और उनमें से एक है ---- जनसंख्या नियंत्रण के लिये सक्षम क़ानून की माँग । क़ानून जो सबके लिये समान हो ,कोई दबाव नहीं , जोरजबरदस्ती नहीं --बस एक क़ानून हम सबके लिये ।
आइये जनसंख्या नियंत्रण क़ानून बनवाने के लिये 8 जून 2013 को हम मिल कर कैंडिल मार्च निकाल कर जन जागृति पैदा करे़ और संसद तक अपनी बात पहुंचायें ।
''जनसंख्या के सैलाब में बह न जायें हम कहीं ,
क़ानून की पतवार अब , हाथ में ले लीजिये ।
'होरी' अभी भी है समय कुछ चेतिये,उठ बैठिये ,
डूबने से पूर्व ,जिन्दा कौ़म हैं , कुछ कीजिये ।।'' आपका साथी
राज कुमार सचान 'होरी'
राष्ट्रीय संयोजक
दिनांक --25 मई 2013 INDIA CHANGES (बदलता भारत )
Facebook.com/pages/ India changes , Facebook.com/ group/ India changes , www.indiachanges.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , horibadaltabharat.blogspot.com
Emails ---indiachanges2012@gmail.com , indiachanges2013@gmail.com
Delhi office --- 182/3 गुरु कृपा एपार्टममेंट , ग्राउंड फ्लोर , महरौली ,नई दिल्ली -30 ,, ग़ाज़ियाबाद कार्यालय --63 NITI KHAND 3rd ,Indirapuram Gzb


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Monday, 3 June 2013

तुम्हारी ऐसी तैसी

तुम्हारी ऐसी तैसी
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००

१--कहो जी मन में बैठा चोर, तुम्हारी ऐसी तैसी ।
और फिर खुद ही करते शोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।।
--------------------------------------------
२--कंठी माला तिलक जोगिया वस्त्र धरे,
अन्तस् पापी घट घनघोर ,तुम्हारी ऐसी तैसी ।
----------------------------------------
३---देख और घनघोर घटायें ,क्यों पाँव कांपते ,
और फिर नाचो बन कर मोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
--------------------------------------------
४--वाक्य बनाते गिरगिट से करते शब्दों के खेल ,
कवि तुम खुद ही भाव विभोर ,तुम्हारी ऐसी तैसी ।
------------------------------------------
५--बार बार सुन चुके तुम्हारी यह कविता तुमसे ,
अमां फिर करते हो बोर ,तुम्हारी ऐसी तैसी ।
-------------------------------------------
६--पतंग उड़ा आकाश दिखाना शगल तुम्हारा,
काटते छुप छुप कर खुद डोर,तुम्हारी ऐसी तैसी ।।
-------------------------------------------
७--कठपुतली से मंदिर मस्जिद गिरजाघर गुरुद्वारे,
ओट से खुदी नचाते डोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
-------------------------------------------
८--तुम सबने चूसा था उसको जब तक वह था जीवित,
अब कफ़न बाँट की होड़ , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
-----------------------------------------------
९--दिल्ली रानी राज कर रही देश धंस रहा दलदल में ,
बिल्ली सी बनी चटोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
----------------------------------------------
१०--माना तुम हो बड़े आदमी पूछ तुम्हारी ,
"होरी" आदत से पर ढोर, तुम्हारी ऐसी तैसी ।
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
राज कुमार सचान "होरी"
विशेष --- 1991 में लिखी मेरी यह ग़ज़ल काव्यमंचों की मेरी पहचान बनी थी ।कभी दरबार हाल ,राजभवन , लखनऊ में तहलका मचाया था । फेसबुकीय मित्रों को समर्पित ---तुम्हारी ऐसी तैसी , इस निवेदन के साथ कि इसमें कही गई कोई भी बात आपके लिये नहीं परन्तु यदि कोई भी बात आप पर सत्य बैठे तो यह महज़ संयोग होगा ,"तुम्हारी ऐसी तैसी " नहीं ।



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तुम्हारी ऐसी तैसी

तुम्हारी ऐसी तैसी
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००

१--कहो जी मन में बैठा चोर, तुम्हारी ऐसी तैसी ।
और फिर खुद ही करते शोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।।
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२--कंठी माला तिलक जोगिया वस्त्र धरे,
अन्तस् पापी घट घनघोर ,तुम्हारी ऐसी तैसी ।
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३---देख और घनघोर घटायें ,क्यों पाँव कांपते ,
और फिर नाचो बन कर मोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
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४--वाक्य बनाते गिरगिट से करते शब्दों के खेल ,
कवि तुम खुद ही भाव विभोर ,तुम्हारी ऐसी तैसी ।
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५--बार बार सुन चुके तुम्हारी यह कविता तुमसे ,
अमां फिर करते हो बोर ,तुम्हारी ऐसी तैसी ।
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६--पतंग उड़ा आकाश दिखाना शगल तुम्हारा,
काटते छुप छुप कर खुद डोर,तुम्हारी ऐसी तैसी ।।
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७--कठपुतली से मंदिर मस्जिद गिरजाघर गुरुद्वारे,
ओट से खुदी नचाते डोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
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८--तुम सबने चूसा था उसको जब तक वह था जीवित,
अब कफ़न बाँट की होड़ , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
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९--दिल्ली रानी राज कर रही देश धंस रहा दलदल में ,
बिल्ली सी बनी चटोर , तुम्हारी ऐसी तैसी ।
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१०--माना तुम हो बड़े आदमी पूछ तुम्हारी ,
"होरी" आदत से पर ढोर, तुम्हारी ऐसी तैसी ।
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
राज कुमार सचान "होरी"
विशेष --- 1991 में लिखी मेरी यह ग़ज़ल काव्यमंचों की मेरी पहचान बनी थी ।कभी दरबार हाल ,राजभवन , लखनऊ में तहलका मचाया था । फेसबुकीय मित्रों को समर्पित ---तुम्हारी ऐसी तैसी , इस निवेदन के साथ कि इसमें कही गई कोई भी बात आपके लिये नहीं परन्तु यदि कोई भी बात आप पर सत्य बैठे तो यह महज़ संयोग होगा ,"तुम्हारी ऐसी तैसी " नहीं ।



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Sunday, 2 June 2013

क्रिकेट छोड़ो --देश बचाओ ----एक मुहिम

क्रिकेट छोड़ो --देश बचाओ ----एक मुहिम
००००००००००
---------------------------------------
राज कुमार सचान 'होरी' --राष्ट्रीय अध्यक्ष --बदलता भारत ( India Changes )
आपको सर्वप्रथम इंग्लैंड के इतिहास की ओर ले चलता हूं जिसके लिये कहा जाता था कि उसके राज्य में सूर्य नहीं डूबता था । था भी सत्य क्योंकि उसका राज्य सम्पूर्ण विश्व में फैला हुआ था । जब अंग्रेज चरम उत्कर्ष पर थे तभी उन्होने क्रिकेट खेल का आविष्कार किया और ब्रिटेन में " मेरिलबोन क्रिकेट क्लब " (M.C.C) की स्थापना की । यह विस्तृत शोध का विषय है एक ओर क्रिकेट का उत्थान होता रहा दूसरी ओर अंग्रेजों की सत्ता का पतन ।अंग्रेज कौ़म क्रिकेट खेलने में व्यस्त हो गई और धीरे धीरे वह राज करने के तरीके भूल गई । आलम यह कि क्रिकेट के उच्चतम स्तर तक पहुचते पहुँचते अंग्रेज निम्न स्तर पर आ गये और अंग्रेजों का सूरज सदा सदा के लिये डूब गया । अब हमारी बारी है ।
क्रिकेट और जुयें( gambling ) में समानतायें इस कदर हैं कि आप इसे खेल नहीं अपितु एक जुआं ही कह सकते हैं ।जुयें( gambling ) में कर्म , ज्ञान से अधिक स्थान भाग्य का होता है । अनिश्चितता के इस खेल को खेल जुयें का तो कहा जा सकता है game या sport नहींं । तभी fixing का बादशाह ही क्रिकेट है क्योंकि क्रिकेट स्वयं gambling है । पूरा का पूरा देश जुयें में लग गया कोई खेलने में तो कोई देखने में । अब इससे ईश्वर ही बचा सकता है ।
खेलों के मुकाबले जुयें में मनोरंजन अधिक होता है यह सर्वमान्य तथ्य है तभी क्रिकेट में अन्य खेलों के मुकाबले मनोरंजन का खजाना खुला रहता है । काम धन्धा छोड़ पूरा देश उसी में व्यस्त ०००विद्यार्थी अध्यापक, दुकानदार खरीददार , मज़दूर मालिक , नेता जनता --- पूरा देश आकंठ डूबा ।
सर्वे करिये देश के प्रत्येक नागरिक के कितने काम के घंटे वर्ष भर में क्रिकेट में स्वाहा होते हैं । पूरे देश को कितनी क्षति होती है ?? भारत जैसे विकासशील देश में समय की यह बरबादी हमें ग़रीब बनाने के लिये काफ़ी है ।
हम इंग्लैंड और अंग्रेजों के इतिहास से अगर सबक न ले सके तो हमें डूबने से कोई बचा न सकेगा हमारा भगवान भी नहीं ।जब इंग्लैंड जैसा देश जिसके राज्य में सूरज नहीं डूबता था एक कोने में सिमट कर रह गया , पूरी तरह बिखर गया तब हमारी क्या बिसात ? हम तो वैसे ही कमज़ोर हैं , हम क्रिकेट के धक्के को कतई बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे ।
आइये "क्रिकेट छोड़ें -देश बचायें --एक मुहिम " में हमारा साथ दें । भारत को एक संभावित मुसीबत से उबारें ।। देशप्रेमी , राष्ट्रभक्त साथियों ! आयें भारत बचायें ।।
बदलता भारत(India Changes) आपके साथ ।।
राज कुमार सचान "होरी"
राष्ट्रीय अध्यक्ष --बदलता भारत
www.indiachanges.com , indiachanges2012.blogspot.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , Facebook / pages / India changes


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4 /कृषि को उद्योग का दर्जा

4 /कृषि को उद्योग का दर्जा
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कृषि के समस्त कार्य एक उद्योग की तरह हैं । लगातार पूंजी निवेश , स्रम , उत्पादन आदि समस्त क्रियायें उद्योगों की भाँति होती हैं । समर्थन मूल्य भी मज़बूरी मे ही सही सरकारों द्वारा जारी किये जाते हैं । कृषक और कृषि असंगठित क्षेत्र हैं इस लिये उद्योंगों की तरह अपने मूल्य का निर्धारण नहीं कर पाता है । लागतें बढ़ती जाती हैं जिससे शुद्ध आय कम हो जाती है । कीमतों का निर्धारण आय और व्यय के आधार पर किया जाता है परन्तु कृषि में ऐसा नहीं हो रहा है । यहाँ किसान फ़सलें बो तो सकता है पर उनकी कीमत उद्योंगो की तरह स्वयं निर्धारित नहीं कर सकता ।
कृषि के अंतर्गत लागत अधिक और आय कम होने के कारण किसानों का जीवनयापन तक कठिन है । देश भर में किसानों के द्वारा आत्महत्या की घटनायें भी प्रकाश में आती रहती हैं । कृषि को लाभकारी बनाना किसानों के लिये तो ज़रूरी है ही समस्त देश के विकास और अनाज उपलब्धता के लिये भी आवश्यक ही नहीं अपितु अनिवार्य भी है ।
एक उद्योग की तरह बैंकों से लोन भी स्वीकृत नहीं हो सकता ।कृषि को स्वयं बैंक घाटे का क्षेत्र मानता है। परन्तु दोनों स्थितियों से किसान को मुक्ति मिल सकती है यदि कृषि को उद्योग का दर्जा दे दिया जाय ।
इंडिया चेंजेज़ (INDIA CHANGES )



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कैंडिल मार्च क्यों ???

कैंडिल मार्च क्यों ???
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भाइयों एवं बहनों,
देश में जनसंख्या विष्फोटक स्थिति पर पहुँच चुकी है जो आज देश की सारी प्रगति को दीमक की तरह चाट रही है ।इसी बढ़ती जनसंख्या के कारण आज शहरों में चलना दूर है , चारों ओर जाम ही जाम । अगर हम अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब सारे शहर केवल भीड़भाड़ वाले मेलों में तब्दील हो जायेंगे और हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक मेलों की भाँति केवल पैदल ही पहुँच पायेंगे ।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये जागरूकता कार्यक्रम सरकारों द्वारा चलाये जाते रहे लेकिन आंकडे़ सामने हैं । कभी गंभीरता से चिन्तन करिये तो राष्ट्र के भविष्य के लिये यक्ष प्रश्न खड़ी करती है जनसंख्या । जिस देश की अधिसंख्य आबादी कुपोषण से ग्रस्त, अशिक्षित , बेरोजगार ,ग़रीब हो उस देश से आशा भी क्या की जा सकती है ?
हमारी जनसंख्या का घनत्व ग़रीबी के मध्य सर्वाधिक है । ग़रीबी और आबादी एक दूसरे के पूरक हैं , अन्योन्याश्रित हैं । देश की युवा फौज का 80% अंश ग़रीब परिवारों से है जो स्वयं साधन हीन है ,वे देश के विकास में कितनी भागीदारी निभायेंगे ? जनसंख्यावृद्धि धर्म , सम्प्रदाय , जाति से जोड़ कर देखना एक गंभीर भूल है , समस्या से मुँह मोड़ना है । ग़रीबों की स्थितियां ही ऐसी होती हैं कि उन्हीं के बीच जनसंख्या तेज़ी से फलती फूलती है ।
एक बात यहाँ गंभीरता से समझनी होगी ----- नेताओं, राजनीतिक दलों और धनाड्यों को जनसंख्या बढ़ने से लाभ है -----एक को भारी संख्या में मतदाता मिलते हैं तो दूसरे को मिलते हैं उपभोक्ता और सस्ते श्रमिक । इसलिये राष्ट्र को अपूरणीय क्षति पहुँचाने वाली इस समस्या से हमें ही जूझना होगा । जागरूकता पैदा करने के साथ साथ हमें आन्दोलन चलाने होंगे ---- एक सक्षम क़ानून के लिये । हिन्दू , मुस्लिम , सिख ,ईसाई आदि सभी को कंधे से कंधा मिला कर । चीन का उदाहरण हमारे सामने है । ग़रीब के हित में और राष्ट्र के हित में इस देश को एक न एक दिन "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम "बनाना होगा और देश को अपूरणीय क्षति से बचाना होगा ।
हम कैंडिल मार्च से देश का ध्यान खींचना चाहते हैं और देश की संसद से माँग करते हैं कि शीघ्र ही इस आशय का बिल संसद में लाये और समुचित प्रावधानों के साथ उसे शीघ्र पारित करे ।आइये ,भारत बदलना चाहता है -- समय की माँग है -- बस हम खुले मन से साथ दें ।
बदलता भारत( INDIA CHANGES ) की अनेक माँगे हैं जिनके लिये हम संघर्षरत हैं और उनमें से एक है ---- जनसंख्या नियंत्रण के लिये सक्षम क़ानून की माँग । क़ानून जो सबके लिये समान हो ,कोई दबाव नहीं , जोरजबरदस्ती नहीं --बस एक क़ानून हम सबके लिये ।
आइये जनसंख्या नियंत्रण क़ानून बनवाने के लिये 8 जून 2013 को हम मिल कर कैंडिल मार्च निकाल कर जन जागृति पैदा करे़ और संसद तक अपनी बात पहुंचायें ।
''जनसंख्या के सैलाब में बह न जायें हम कहीं ,
क़ानून की पतवार अब , हाथ में ले लीजिये ।
'होरी' अभी भी है समय कुछ चेतिये,उठ बैठिये ,
डूबने से पूर्व ,जिन्दा कौ़म हैं , कुछ कीजिये ।।'' आपका साथी
राज कुमार सचान 'होरी'
राष्ट्रीय संयोजक
दिनांक --25 मई 2013 INDIA CHANGES (बदलता भारत )
Facebook.com/pages/ India changes , Facebook.com/ group/ India changes , www.indiachanges.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , horibadaltabharat.blogspot.com
Emails ---indiachanges2012@gmail.com , indiachanges2013@gmail.com
Delhi office --- 182/3 गुरु कृपा एपार्टममेंट , ग्राउंड फ्लोर , महरौली ,नई दिल्ली -30 ,, ग़ाज़ियाबाद कार्यालय --63 NITI KHAND 3rd ,Indirapuram Gzb


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Saturday, 1 June 2013

दोहे जीवन समर के

दोहे जीवन समर के

१---जीवन भर रहते रहे , अपने ही घर द्वार ।
पर अपनो के संग ही , खड़ी रही दीवार ।।
२---जीवन तो जीती रही , जी न सकी पर संास ।
होरी फलती फूलती , बगिया रही उदास ।।
३----एक विटप से जा लिपट , गयी शिखर के पार ।
खड़ा रहा तन कर तना ,इसी लिये इस पार ।।
४----भौंरे !तुझ संग खेलते , फूली फली अगाध ।
मम हिय पर जाना नहीं ,जीता रहा प्रमाद ।।
५-----रेखा तो तिर्यक सरल ,बिन्दु सदा इक रूप ।
दोनो के सम्बन्ध पर , नाचे विद्वत् भूप ।।
६----नारी नर के पास है , नर नारी के पास ।
होरी फिर भी दूरियाँ ,यही प्रकृति संत्रास ।।
०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
राज कुमार सचान "होरी "




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क्रिकेट छोड़ो --देश बचाओ ----एक मुहिम

क्रिकेट छोड़ो --देश बचाओ ----एक मुहिम
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राज कुमार सचान 'होरी' --राष्ट्रीय अध्यक्ष --बदलता भारत ( India Changes )
आपको सर्वप्रथम इंग्लैंड के इतिहास की ओर ले चलता हूं जिसके लिये कहा जाता था कि उसके राज्य में सूर्य नहीं डूबता था । था भी सत्य क्योंकि उसका राज्य सम्पूर्ण विश्व में फैला हुआ था । जब अंग्रेज चरम उत्कर्ष पर थे तभी उन्होने क्रिकेट खेल का आविष्कार किया और ब्रिटेन में " मेरिलबोन क्रिकेट क्लब " (M.C.C) की स्थापना की । यह विस्तृत शोध का विषय है एक ओर क्रिकेट का उत्थान होता रहा दूसरी ओर अंग्रेजों की सत्ता का पतन ।अंग्रेज कौ़म क्रिकेट खेलने में व्यस्त हो गई और धीरे धीरे वह राज करने के तरीके भूल गई । आलम यह कि क्रिकेट के उच्चतम स्तर तक पहुचते पहुँचते अंग्रेज निम्न स्तर पर आ गये और अंग्रेजों का सूरज सदा सदा के लिये डूब गया । अब हमारी बारी है ।
क्रिकेट और जुयें( gambling ) में समानतायें इस कदर हैं कि आप इसे खेल नहीं अपितु एक जुआं ही कह सकते हैं ।जुयें( gambling ) में कर्म , ज्ञान से अधिक स्थान भाग्य का होता है । अनिश्चितता के इस खेल को खेल जुयें का तो कहा जा सकता है game या sport नहींं । तभी fixing का बादशाह ही क्रिकेट है क्योंकि क्रिकेट स्वयं gambling है । पूरा का पूरा देश जुयें में लग गया कोई खेलने में तो कोई देखने में । अब इससे ईश्वर ही बचा सकता है ।
खेलों के मुकाबले जुयें में मनोरंजन अधिक होता है यह सर्वमान्य तथ्य है तभी क्रिकेट में अन्य खेलों के मुकाबले मनोरंजन का खजाना खुला रहता है । काम धन्धा छोड़ पूरा देश उसी में व्यस्त ०००विद्यार्थी अध्यापक, दुकानदार खरीददार , मज़दूर मालिक , नेता जनता --- पूरा देश आकंठ डूबा ।
सर्वे करिये देश के प्रत्येक नागरिक के कितने काम के घंटे वर्ष भर में क्रिकेट में स्वाहा होते हैं । पूरे देश को कितनी क्षति होती है ?? भारत जैसे विकासशील देश में समय की यह बरबादी हमें ग़रीब बनाने के लिये काफ़ी है ।
हम इंग्लैंड और अंग्रेजों के इतिहास से अगर सबक न ले सके तो हमें डूबने से कोई बचा न सकेगा हमारा भगवान भी नहीं ।जब इंग्लैंड जैसा देश जिसके राज्य में सूरज नहीं डूबता था एक कोने में सिमट कर रह गया , पूरी तरह बिखर गया तब हमारी क्या बिसात ? हम तो वैसे ही कमज़ोर हैं , हम क्रिकेट के धक्के को कतई बर्दाश्त नहीं कर पायेंगे ।
आइये "क्रिकेट छोड़ें -देश बचायें --एक मुहिम " में हमारा साथ दें । भारत को एक संभावित मुसीबत से उबारें ।। देशप्रेमी , राष्ट्रभक्त साथियों ! आयें भारत बचायें ।।
बदलता भारत(India Changes) आपके साथ ।।
राज कुमार सचान "होरी"
राष्ट्रीय अध्यक्ष --बदलता भारत
www.indiachanges.com , indiachanges2012.blogspot.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , Facebook / pages / India changes


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Friday, 11 January 2013

Let us make

India is much lagging behind the world in case of per capita income due to huge population . Our large population is under poverty line . Increasing crime and poverty is due to enormous population. Let us think seriously as a country . What do we want ? Dark future or bright one . It is time to think ....now or never . Irrespective of castes and creeds we must control our population , like China. We should make rules and regulations under our constitution for betterment of our people .
                  INDIA CHANGES / indiachanges.com & indiachanges.blogspot.com

Friday, 4 January 2013

Honour to nation

To make strong India we should honour our military . They should be given higher protocol. Highest salaries .

Thursday, 3 January 2013

Values and Indian society

भारत में सामाजिक मान्यताये पश्चिम से भिन्न हैं ! परन्तु विकास के साथ समाज में खुलापन हमें विषम स्थिति में ला खड़ा कर देता है . इसी द्वंद्व में बढ़ते हुए रेप और हिंशा देखे जाने चाहिए . बढती हुयी अनियंत्रित जनसँख्या एक और बहुत बड़ा कारन है . जनसँख्या कानून बना कर नियंत्रित करनी पड़ेगी .